HighLights
- फर्जी फर्म खोलकर 15 करोड़ का हेरफेर |
- जांच में सहायक आयुक्त ने मामला पकड़ा |
- तीन फर्म संचालकों पर नामजद मुकदमा |
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। फर्जी फर्म खोलकर 15 करोड़ रुपये के हेरफेर का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। राज्य कर खंड 13 के सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल ने इसकी जांच की तो मामला उजागर हुआ। सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर तीन फर्म संचालकों के नाम नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें एक फर्म का संचालक दिल्ली का रहने वाला है।
कौशांबी रोड निवासी दीपक ने अपने पैन संख्या व अन्य कागजातों के माध्यम से जीएसटी पोर्टल पर देवप्रयागम दीपक ट्रेडर्स के नाम से जीएसटीआइएन नंबर कर 30 मई को पंजीयन प्राप्त किया। 13 जून को राज्य कर खंड 13 के सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल जांच करने के लिए फर्म पर पहुंचे।वहां कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे यह पता चल सके कि यहां व्यापारिक गतिविधियां संचालित हैं। यानी एक तौर पर यहां कोई फर्म नहीं थी। उसी दिन पंजीयन निरस्त किया गया। जांच का दायरा आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि 15 दिन में व्यापारी द्वारा अस्तित्वविहीन फर्म यश ट्रेडर्स नैनी से 7,74,11,916 के विभिन्न मालों की खरीद की। साथ ही दिल्ली स्थित सचिन ट्रेडर्स को 7,68,40,180 रुपये की बिक्री की गई।
इससे सरकार को लाखों रुपये की टैक्स का नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल ने उच्चाधिकारियों को इस पूरे मामले को बताया, जिस पर रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया गया। शुक्रवार शाम सिविल लाइंस पुलिस ने सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल की तहरीर पर उक्त तीनों फर्माें के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
वहां कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे यह पता चल सके कि यहां व्यापारिक गतिविधियां संचालित हैं। यानी एक तौर पर यहां कोई फर्म नहीं थी। उसी दिन पंजीयन निरस्त किया गया। जांच का दायरा आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि 15 दिन में व्यापारी द्वारा अस्तित्वविहीन फर्म यश ट्रेडर्स नैनी से 7,74,11,916 के विभिन्न मालों की खरीद की। साथ ही दिल्ली स्थित सचिन ट्रेडर्स को 7,68,40,180 रुपये की बिक्री की गई।इससे सरकार को लाखों रुपये की टैक्स का नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल ने उच्चाधिकारियों को इस पूरे मामले को बताया, जिस पर रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया गया। शुक्रवार शाम सिविल लाइंस पुलिस ने सहायक आयुक्त वीरेंद्र लाल की तहरीर पर उक्त तीनों फर्माें के संचालकों के खिलाफ मुकदमा द
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